सपने तेरे मेरे
सपने तेरे मेरे ज़िन्दगी कब किस मोड़ पर ले आए किसी को पता नहीं लगता आज पूरी दुनिया अपनी मंज़िलो को छोड़कर सिर्फ अपनी ज़िन्दगी को बचाने की जददोजहद में लग गई कुछ इस माहौल में भी कइयों के घर लूट रहे हैं कुछ अभी अपनी जिंदगी से भी अंजान हैं की हो क्या रहा है प्रकृति भी सोच रही है हर दिन मुझे जलाने वाले अब किधर दुबक कर बैठे हैं, पेड पोधे, जीव जंतु पशु पक्षी हजारों समुद्री जीव अपने आप को कितना आनंदमय महसूस कर रहे होंगे । YouTube वैसे सोचने की बात है, वो लोग जो हर दिन अपने अहंकार से अपने व्यवहार से कितनो का कत्ल कर देते थे आज कैसे अपनी मौत की आवाज़ सुनकर घरों में दुबक कर बैठे हैं सोचने की बात तो ये भी है कि भगवान ओर प्रकृति हम पर रहम क्यों करे ? जब हम प्रकृति के बारे में रत्ती भर फीकर नहीं करते तो प्रकृति या वो ईश्वर अब हमारी क्यों सुने ? जीवन तो सबका अनमोल है मगर इंसान इतना मतलबी हो गया कि उसने प्रकृति का गला घोटना शुरू कर दिया जिसका नतीजा आज संपूर्ण विश्व भूगत रहा है हमारी लड़ाईयां हमारा सिर्फ अपने आप के लिए सोचना हमारा सिर्फ अपने भविष्य के लिए सोचन